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वीर-भारती / गुलाब खंडेलवाल
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13:31, 14 जून 2011
शत्रु घुसे सीमान्त में, कब जागेगा और!
साधू
साधु
न अहि पयपान से, मगर दिए उपवीत
नीति भेड़िये ने सुनी! ताड़न में ही जीत
Vibhajhalani
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