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किस अदा से वो मेरे दिल में उतर आता है! / गुलाब खंडेलवाल
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20:16, 8 जुलाई 2011
प्यार का रंग निगाहों में उभर आता है
हमने देखा है किनारा
किसी के
किसीके
आँचल का
जब कहीं कोई किनारा न नज़र आता है
एक इस राह में ऐसा भी शहर आता है
खुद
ख़ुद
ही माना कि फँसे दौड़के काँटों में गुलाबकुछ तो
इल्जाम
इल्ज़ाम
मगर आपके सर आता है
<poem>
Vibhajhalani
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