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00:08, 15 जून 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार= विनोद स्वामी
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>रूई सूं धोळो आपणो प्रेम
रूई चुगण रै सीजन
कीं और ई बध ज्यांवतो।
तूं अेक दिन कैयो हो नीं कै
रूई चुगण रो काम
बारामासी क्यूं कोनी चालै?
</poem>
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