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22:26, 18 जून 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=नीरज दइया
|संग्रह=
}}
[[Category:मूल राजस्थानी भाषा]]
{{KKCatKavita}}<poem>पीवण नै ना सही
देखण नै तो है
धोरां मांय देखूं
अळधी भांव
पाणी ई पाणी... !</poem>
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