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हमारे सामने आओ कि हम भी देख सकें / गुलाब खंडेलवाल
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21:10, 24 जून 2011
कभी तो परदा हटाओ कि हम भी देख सकें
हमारे बाग़ में
उतरीं
उतरी
हैं बिजलियाँ कैसी
हटो भी काली घटाओं! कि हम भी देख सकें
Vibhajhalani
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