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याद मरने पे ही किया तुमने / गुलाब खंडेलवाल
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15:53, 25 जून 2011
जानेवाले! ये क्या किया तुमने
जिन्दगी
ज़िन्दगी
की क़िताब ख़त्म हुई
मुड़ के देखा न हाशिया तुमने!
हमने माना कि मिल न पाये गुलाब
दिल तो
खुशबू
ख़ुशबू
से भर दिया तुमने
<poem>
Vibhajhalani
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