1,606 bytes added,
03:07, 29 जून 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=द्विज
}}
* [[तातैं हृदै-सँभारि, हरि-राधा को किन सुजस / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[एक-रूप आनंद-मय, श्री राधा-ब्रजचंद / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[कबहुँक आपुस मैं रचैं / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[कबहुँक राधा के ललित / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[बन, गिरि-उपबन जाइ, कबहुँ बहु-भाँतिन खेलहिं / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[कबहुँक फागुन माँहि, दोऊ फगुवा मिलि खेलहिं / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[और गाँव हरि चलत, कबहुँ राधा दुख पावैं / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[रचि-रचि लीला-कलह, कबहुँ राधा रिसि ठानैं / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[ता तिय तैं ह्वै क्रुधित, देति बहु-भाँति उराहन / शृंगार-लतिका / द्विज]]
* [[रचि-रचि औरैं रूप, कबहुँ अनुराग बढ़ावैं / शृंगार-लतिका / द्विज]]