गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
नशे में प्यार के लिखते रहे हैं कविता हम / गुलाब खंडेलवाल
1 byte removed
,
20:03, 30 जून 2011
पता नहीं कि उन्हें कह गये हैं क्या-क्या हम
उन्हीं से
उन्हींसे
हो गयी रंगीन ज़िन्दगी भी मगर
भले ही आपसे खाया किये हैं धोखा हम
Vibhajhalani
2,913
edits