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हमारा प्यार जी उठता, घड़ी मरने की टल जाती / गुलाब खंडेलवाल
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20:56, 22 जुलाई 2011
कभी तो मुस्कुरा देते, तबीयत ही बहल जाती
उन्हीं को
उन्हींको
चाहते हैं अपने सीने से लगा लें हम
की
कि
जिनकी याद आते ही छुरी है दिल पे चल जाती
वे दिन कुछ और ही थे जब गुलाब आँखों में रहते थे
Vibhajhalani
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