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आख़िर इस दिल की पुकारों में तुझको देख लिया / गुलाब खंडेलवाल
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19:37, 1 जुलाई 2011
ज़िन्दगी! चाँद-सितारों में तुझको देख लिया
तू भले ही रहा दुनिया से अलग होके
,
गुलाब!
पर किसी ने था हज़ारों में तुझको देख लिया
<poem>
Vibhajhalani
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