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आओ कुछ देर गले लग लें ठहर के / गुलाब खंडेलवाल
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19:46, 1 जुलाई 2011
नाव यह रही है सदा बीच में भँवर के
दिल से क्यों उनका
ख्याल
ख़याल
मिट न पाता
खेल प्यार के वे अगर खेल थे नज़र के!
Vibhajhalani
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