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बैलगाड़ी / भारतेन्दु मिश्र
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02:52, 5 जुलाई 2011
<poem>
यह समय की बैलगाड़ी
सो रहा है मस्त
गाडीवान
गाड़ीवान
पीकर आज ताड़ी ।
डा० जगदीश व्योम
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