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उन्हींकी राह में मरना कहीं होता तो क्या होता! / गुलाब खंडेलवाल
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21:14, 6 जुलाई 2011
उन्हींकी राह में मरना कहीं होता तो क्या होता!
जहां
जहाँ
पर ज़िन्दगी है, मै वहीं होता तो क्या होता!
बहुत से वक्त ऐसे भी कटे हैं जब कि घबराकर
Vibhajhalani
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