गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
कभी होठों पे दिल की बेबसी लाई नहीं जाती / गुलाब खंडेलवाल
3 bytes added
,
21:30, 6 जुलाई 2011
कुछ ऐसी बात है जो कहके बतलायी नहीं जाती
न यों
मुंह
मुँह
फेरकर सो जा, मेरी तक़दीर के मालिक!
कहानी ज़िन्दगी की फिर से दुहरायी नहीं जाती
वे सुर कुछ और ही हैं जिनसे यह
नग्मा
नग़्मा
निकलता है
ये वो धुन है जो हर एक साज़ पर गायी नहीं जाती
Vibhajhalani
2,913
edits