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अपना चेहरा भी किसी और का लगा है मुझे / गुलाब खंडेलवाल
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19:48, 7 जुलाई 2011
पास आते ही निगाहों में खिल उठे हैं गुलाब
फिर कोई अपनी
तरफ
तरफ़
देखता लगा है मुझे
<poem>
Vibhajhalani
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