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प्यार की बात न कर, प्यार को बस रहने दे / गुलाब खंडेलवाल
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18:33, 8 जुलाई 2011
आज चलता नहीं तक़दीर पे बस, रहने दे
छीन मत हमसे पुतलियों की
महकती
थिरकती
ख़ुशबू
अपनी लट खोल के छितरा दे, बहस रहने दे
Vibhajhalani
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