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मेरा जीना प्यार का जीना, उनकी बातें काम की बातें / गुलाब खंडेलवाल
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18:38, 8 जुलाई 2011
रोते ही रोते इन आँखों ने रात से जगकर भोर किया है
नींद जो आयी, चैन ही आया, कुछ तो
हुई
हुईं
आराम की बातें
मरना देखके डर जाना क्या! जीने के नाम से घबराना क्या!
Vibhajhalani
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