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प्यार की राह में रोने से तो बाज़ आये हम / गुलाब खंडेलवाल
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19:17, 8 जुलाई 2011
<poem>
प्यार की राह में रोने से तो बाज़
आये
आयें
हमपर ये मुमकिन नहीं
आखें
आँखें
भी न भर लायें हम
बाग़ में चारों तरफ मौत का सन्नाटा है
Vibhajhalani
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