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सारी दुनिया पे कहर ढा देना / गुलाब खंडेलवाल
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19:55, 8 जुलाई 2011
तुमने नज़रें तो फेर लीं हमसे
दिल से मुश्किल
था
है
पर भुला देना
आख़िरी वक़्त देख तो लें गुलाब
रुख़ से परदा ज़रा हटा देना
<poem>
Vibhajhalani
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