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जो नज़र प्यार की कह गयी है, मुँह पे लाने की बातें नहीं है / गुलाब खंडेलवाल
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20:25, 8 जुलाई 2011
जो, गुलाब! आपने गीत गाये, उनमें धड़कन तो है प्यार की ही
पर वे
मज़बूरियाँ
मजबूरियाँ
हैं दिलों की, गुनगुनाने की बातें नहीं है
<poem>
Vibhajhalani
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