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20:35, 8 जुलाई 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=गुलाब खंडेलवाल
|संग्रह=सौ गुलाब खिले / गुलाब खंडेलवाल
}}
[[category: ग़ज़ल]]
<poem>
हमसे किसीका प्यार छिपाया न जायगा
इतना हसीन बोझ उठाया न जायगा
मेंहदी लगी हुई है उमंगों के पाँव में
सपने में भी तो आपसे आया न जायगा
लय-ताल टूट जाते हैं आते ही उनका नाम
जीवन का गीत हमसे तो गाया न जायगा
हँसने की बात और थी, रोने की बात और
पत्थर के दिल में फूल खिलाया न जायगा
यों तो किसी के मन से उतारे हुए हैं हम
आयेंगे याद फिर तो भुलाया न जायगा
लहरा रहे हैं आपकी आँखों में अब गुलाब
काँटों से ज़िन्दगी को बचाया न जायगा
<poem>