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तेरा दर छोड़के जाने का कभी नाम न लूँ / गुलाब खंडेलवाल
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20:03, 9 जुलाई 2011
यह तो बतला कि खिलाये हैं भला क्यों ये गुलाब
है अगर
जिद
ज़िद
ये तेरी, इनसे कोई काम न लूँ !
<poem>
Vibhajhalani
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