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नज़र भले ही हमें देख के शरमा ही गयी / गुलाब खंडेलवाल
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20:07, 9 जुलाई 2011
झलक तो प्यार की पलकों से छनके आ ही गयी
क़सूर कुछ तेरे हाथों का भी तो है ,
फनकार
फ़नकार
!
करें भी क्या जो ये तस्वीर दिल को भा ही गयी!
Vibhajhalani
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