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प्यार किस तरह उनको समझायें! / गुलाब खंडेलवाल
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20:42, 9 जुलाई 2011
प्यार किस तरह उनको समझायें!
दिल को हम
चीर कर
चीरकर
भी दिखलायें!
बस कि परदे से लगके बैठे हैं
Vibhajhalani
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