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'मन्त्र पुराने काम न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है / तृतीय सर्ग/ गुलाब खंडेलवाल
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20:38, 13 जुलाई 2011
[[Category:कविता]]
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'मन्त्र पुराने काम न देंगें, मन्त्र नया पढ़ना है
मानवता के हित मानव का रूप नया गढ़ना है
Vibhajhalani
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