गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
आदिवासी / अनुज लुगुन
1 byte added
,
06:38, 14 जुलाई 2011
<poem>
वे जो सुविधाभोगी हैं
या
मौक़ापरस्त
मौक़ा परस्त
हैं
या जिन्हें आरक्षण चाहिए
कहते हैं हम आदिवासी हैं,
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits