गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ग्लोब / अनुज लुगुन
9 bytes added
,
06:58, 14 जुलाई 2011
मैं उसमें महान दार्शनिकों
और लेखकों की पंक्तियाँ ढूँढ़ने लगा
जिसे
जिन्हें
मैं गा सकूँ
लेकिन मुझे दिखाई दी
क्रूर शासकों द्वारा खींची गई लकीरें
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
54,423
edits