गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
'मन के तार तुझी से बाँधे / गुलाब खंडेलवाल
1 byte removed
,
19:18, 19 जुलाई 2011
नयन खोलकर आधे
'फिर-फिर वृन्दावन में
आ के
आके
रँग देता हूँ तिरछे-बाँके
प्रिये हमारी प्रेम-कथा के
Vibhajhalani
2,913
edits