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मुरली कैसे अधर धरूँ! / गुलाब खंडेलवाल
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19:18, 19 जुलाई 2011
इसको तभी धरूँ अधरों पर
जब सँग-सँग हो राधा का स्वर!
जब यह मुरली सुना-
सुना कर
सुनाकर
उसका मान हरूँ
Vibhajhalani
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