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उमर खैयाम / गुलाब खंडेलवाल
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20:23, 21 जुलाई 2011
पूछता कौन वहाँ, --'स्नेह लुटाया क्यों था!'
अधजला-सा, कि जला-सा, कि जलन पीता-सा
तू ज़रा पूछ
उसी से
उसीसे
कि जलाया क्यों था!
'शाह जमशेद कहाँ तख़्त सुलेमानी आज!
Vibhajhalani
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