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लगी है चोट जो दिल पर बता नहीं सकते / गुलाब खंडेलवाल
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20:02, 22 जुलाई 2011
हमारा दर्द उन्हें दूसरे कहें तो कहें
हम अपने आप तो
होठों
होँठों
पे ला नहीं सकते
हमें वो आँख दो परदे के पार देख सकें
Vibhajhalani
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