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वनों में आग है, बिजली भी आसमान में है / गुलाब खंडेलवाल
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20:03, 22 जुलाई 2011
बिना कहे भी तो आँखों ने कह दिया सब कुछ
सदा से प्यार की भाषा इसी
ज़बान
ज़ुबान
में है
कभी वे मेरी कभी अपनी तरफ़ देखते हैं
Vibhajhalani
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