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हमारे सुर से किसीका सिँगार हो तो हो / गुलाब खंडेलवाल
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20:14, 22 जुलाई 2011
हमारे सुर से किसीका सिँगार हो तो हो
खिलेंगे हम न कभी
,
अब बहार हो तो हो
उन्होंने आज हमें मुस्कुराके देख लिया
Vibhajhalani
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