गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
ठुमरी-सी भैरवी की ख़ुमारी शराब की / गुलाब खंडेलवाल
1 byte added
,
20:25, 11 अगस्त 2011
हर एक नज़र के साथ महकते हैं सौ गुलाब
की बात जो भी आपने
,
वह लाजवाब की
<poem>
Vibhajhalani
2,913
edits