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तुम न आए / अवनीश सिंह चौहान
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22:23, 11 अगस्त 2011
मन पराग-केसर कुम्हलाए
तुम न आए
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मन पराग-केसर कुम्हलाए
तुम न आए
सुरभित सुमन, गूँज भँवरे की
मन में कितने फूल बिछाए
Abnish
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