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यूं मुस्करा तुम मिले इतने दिनो के बाद / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
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05:24, 16 सितम्बर 2011
शाखों पे फ़ूल हैं खिले इतने दिनो के बाद
चंचल हवाएं शोख-
सीं
सी
पानी पे तिर गईं
थे दो किनारे यूं मिले इतने दिनो के बाद
Purshottam abbi "azer"
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