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ये तेरी सोच हम सफ़र, गए दिनो से है अलग / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
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07:02, 16 सितम्बर 2011
<poem>
ये तेरी सोच हम सफ़र, गए
दिनो
दिनों
से है अलग
कि वासना कि आग ही ,रहे लहू-लहू सजग
Purshottam abbi "azer"
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