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निराली रुत में ढलना चाहता है / पुरुषोत्तम अब्बी "आज़र"
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11:43, 17 सितम्बर 2011
मगर चंदा निकलना चाहता है
ये संभव ही
नही
नहीं
है, हठ है तेरी
हवा का रुख बदलना चाहता है?
Purshottam abbi "azer"
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