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रश्मिरथी / तृतीय सर्ग / भाग 3

No change in size, 17:39, 17 सितम्बर 2011
:जो था असाध्य, साधने चला।
जन जब नाश मनुज पर छाता है,
पहले विवेक मर जाता है।
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