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18:52, 17 सितम्बर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=त्रिपुरारि कुमार शर्मा
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<Poem>
तमाम तमन्नाओं ने तालीम-सी दी है
कि दरवाज़ा-ए-दिल खोल कर अपने
आओ, अपनी रूह का इज़हार करें हम
आओ, अपनी साँसें नागवार करें हम
क़ायनात से परे कहीं प्यार करें हम...
<Poem>