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00:50, 16 अक्टूबर 2011 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=सांवर दइया
|संग्रह=आ सदी मिजळी मरै / सांवर दइया
}}
{{KKCatMoolRajasthani}}
{{KKCatKavita}}
<poem>थोड़ी-सी-क हवा लागी है
बिंयां आदमी औ सागी है
बारूं मास भुवाजी रैवै
आदमी असल बडभागी है
बकार्यां गळै पड़ जावैला
मनस्यावां साव नागी है
कोरैपण री बातां बिरथा
चादर ठौड़-ठौड़ दागी है
आं पुड़तां नै धारै कोनी
बीज जलमजात बागी है</poem>