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कोंपले फिर फूट आईं शाख़ पर कहना उसे / फ़रहत शहज़ाद
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19:07, 16 अक्टूबर 2011
चैन न दे पायेगा वो सीमज़र कहना उसे
रिस रहा हो खून दिल से
लैब
लब
मगर हँसते रहे
कर गया बर्बाद मुझको ये हुनर कहना उसे
Lakshman
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