गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
झलक आती / नंदकिशोर आचार्य
3 bytes added
,
06:13, 6 दिसम्बर 2011
}}
<poem>
ने
घने
अँधियारे जंगल बीच
बहा जाता गो गुपचुप
कहीं झलक-सा जाता है
अनिल जनविजय
Delete, Mover, Protect, Reupload, Uploader
53,693
edits