गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
अब खोजनी है आमरण / भारत भूषण
93 bytes added
,
08:29, 18 दिसम्बर 2011
{{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=भारत भूषण
}}
{{KKCatGeet}}
<poem>अब खोजनी है आमरण
कोई शरण कोई शरण
हैं व्यंग्य- रत सुधि में बिखर
अस्पृश्य सा अंत:करण
किसका वरण किसका वरण </poem>
Dkspoet
Delete, KKSahayogi, Mover, Protect, Reupload, Uploader
19,164
edits