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16:40, 16 जनवरी 2012 <poem>
मोरे पिछवरवाँ लौंगा कै पेड़वा लौंगा चुवै आधी रात
लौंगा मै चुन बिन ढेरिया लगायों लादी चले हैं बनिजार
लड़ चले हैं बनिजरवा बेटौवा लादि चले पिय मोर
हमरो डरिया फनावो बंजरवा हमहूँ चालब तोहरे साथ
भुखियन मरिबू पियासियन मरबू पान बिन होठ कुम्हिलाय
कुश कै गडरिया धना डासन पैइबू अंग छोलय छिल जाये
भुखिया अंगैबै पियसिया अंगैबै पनवा जो देबै बिसराय
तोहरे संघरिया प्रभु जोगिन होबै न संग माई न बाप
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