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इन्सान में हैवान यहाँ भी है वहाँ भी / निदा फ़ाज़ली
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07:35, 19 जनवरी 2012
uploaded by Prabhat
(पाकिस्तान से लौटने के बाद )
इन्सान में हैवान
उठता
*
है दिलो-जाँ से
धुआँ दोनों तरफ़ ही
यहाँ भी है वहाँ भी |
--------------------------------
* देख तो दिल कि जाँ से उठता है, ये धुआँ सा कहाँ से उठता है--'मीर'
Prabhat.gbpec
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