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15:58, 20 जनवरी 2012 {{KKGlobal}}
{{KKRachna
|रचनाकार=काज़िम जरवली
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<poem>सोचता हूँ कि किससे बात करूँ.
सामने हैं हज़ार तस्वीरें ।
मुतमईन कुछ है अपने चेहरों से,
और कुछ बेकरार तसवीरें. ।। -- काज़िम जरवली
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