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किस तरह पूरी हो घन की आरज़ू / वीरेन्द्र खरे अकेला
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15:06, 3 फ़रवरी 2012
छोड़ भी दीजे तपन की आरज़ू
इक परिंदा पंख
अपनी
अपने
बेचकर
ले के आया है उड़न की आरज़ू
Tanvir Qazee
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