'''[[पद्माकर|पद्माकर भट्ट]]'''
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==जन्म==
: 1753
==कृतियाँ==
१. जगद्विनोद, २. हिम्मत बहादुर विरदावली ३. पद्माभरण ४. जयसिंह विरदावली ५. अलीजाह प्रकाश ६. हितोपदेश ७. रामरसायन ८. प्रबोध चन्द्रोदयपचासा ९.गंग-लहरी विविधये बंद के रहने वाले तैलंग ब्राह्मण थे . इनके पिता का नाम मोहन भट्ट था . पदमाकर पन्ना के महाराज हिंदूपति के गुरु थे. कई राज-दरबारों में इनका बड़ा मान था. यद्द्यपी इनको मिश्र-बन्धुओं के नवरत्नों में स्थान नहीं मिला है, हिम्मतबहादुरतथापि लक्षणों की सरलता और स्पष्टता तथा उदाहरणों की उपयुक्तता और विशाल काव्यत्व के कारण इनका स्थान रीतिकालीन कवियों में बड़े महत्व का है. पद्माकर के सम्बन्ध में शुक्लजी का मत है :--विरुदावली “लाक्षणिक शब्दों के प्रयोग द्वारा कहीं कहीं ये मन की अव्यक्त भावना को ऐसा मूर्ति मान कर देते हैं कि सुनने वालों का हृदय आप ही आप हामी भरता है . यह लाक्षणिकता भी इनकी बड़ी विशेषता है.”
पद्माकर ने वीर –रस की भी कविता की है , किन्तु उसमें उतने सफल नहीं हुए जितने श्रृंगार रस में.
विविध
==पुरस्कार==
==संपादन==