गृह
बेतरतीब
ध्यानसूची
सेटिंग्स
लॉग इन करें
कविता कोश के बारे में
अस्वीकरण
Changes
तेरी महिमा अपार / शिवदीन राम जोशी
7 bytes added
,
00:06, 5 मार्च 2012
सत्य सृष्टि के आधार, योगी मुनि प्राणाधार, तू ही सुन पुकार ||
शिवदीन प्रभु निर्विकार, पूर्ण ब्राह्म तेज सार, तू ही कर सुधार ||
<poem.
Kailash Pareek
514
edits